भारत भारी मात्रा में कच्चे तेल का आयात करता है। भारत की अधिकांश आवश्यकता आयातित कच्चे तेल पर निर्भर है।
लेकिन, भारत सरकार इस निर्भरता को कम करने के लिए प्रयास कर रही है, जिसके लिए वाहन निर्माताओं को ऐसे इंजन बनाने को कहा गया है, जो फ्लेक्स फ्यूल पर चल सके।
यानी आने वाले समय में पेट्रोल-डीजल का इस्तेमाल कम करना चाहिए और फ्लेक्स फ्यूल का ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए
इसके तीन बड़े फायदे होंगे। पहला, सरकार को कम कच्चा तेल आयात करना होगा, दूसरा, फ्लेक्स फ्यूल मौजूदा पेट्रोल/डीजल के दाम से सस्ते दाम पर उपलब्ध होगा
फ्लेक्स-फ्यूल को पेट्रोल-डीजल के विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है। यही कारण है कि इसे वैकल्पिक ईंधन भी कहा जाता है।
इसे पेट्रोल और इथेनॉल के मिश्रण से तैयार किया जाता है। इसे एल्कोहल बेस फ्यूल भी कहा जाता है
क्योंकि इसमें एथेनॉल का इस्तेमाल किया जाता है, जो गन्ना, मक्का जैसी फसलों से तैयार होता है।
फ्लेक्स फ्यूल इंजन पूरी तरह से पेट्रोल या इथेनॉल पर भी चल सकते हैं।
यानी अगर किसी कार में फ्लेक्स फ्यूल इंजन लगा है तो आप उसके टैंक में पेट्रोल या इथेनॉल भरकर चला सकते हैं